Video: चंद्रयान-3 के टचडाउन पॉइंट के आसपास घूम रहा प्रज्ञान रोवर, इसरो का नया वीडियो
नई दिल्ली : चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ ठीक से काम कर रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम के टचडाउन स्थल ‘शिवशक्ति बिंदु’ के आसपास घूमते हुए दिखाया गया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसरो ने कहा, “प्रज्ञान रोवर दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रमा के रहस्यों की खोज में शिवशक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है.”
विक्रम लैंडर का टचडाउन स्पॉट अब से ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट
यह वीडियो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के टचडाउन स्पॉट को अब से ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट के रूप में जाना जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि 23 अगस्त, जब चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ, अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में जाना जाएगा.
Chandrayaan-3 Mission:
?What's new here?Pragyan rover roams around Shiv Shakti Point in pursuit of lunar secrets at the South Pole ?! pic.twitter.com/1g5gQsgrjM
— ISRO (@isro) August 26, 2023
Video: चंद्रयान-3 के टचडाउन पॉइंट के आसपास घूम रहा प्रज्ञान रोवर, इसरो का नया वीडियो
बढि़या काम कर रहा रोवर प्रज्ञान
इससे पहले ISRO ने शुक्रवार को बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ ने चांद की सतह पर लगभग आठ मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है और इसके उपकरण चालू हो गए हैं. अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सभी नियोजित रोवर गतिविधियों को सत्यापित कर लिया गया है. रोवर ने लगभग 8 मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है. रोवर के उपकरण एलआईबीएस और एपीएक्सएस चालू हैं.”
लक्ष्य चंद्रमा सतह की रासायनिक संरचना का अध्ययन
इसने कहा कि प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर पर सभी उपकरण सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं. उपकरण ‘अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर’ (एपीएक्सएस) का लक्ष्य चंद्रमा सतह की रासायनिक संरचना और खनिज संरचना का अध्ययन करना है. वहीं, ‘लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप’ (एलआईबीएस) चंद्रमा पर लैंडिंग स्थल के आसपास की मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना की पड़ताल के लिए है.
इसरो ने बृहस्पतिवार को कहा कि लैंडर उपकरण इल्सा, रंभा और चेस्ट को चालू कर दिया गया है. चंद्र सतह तापीय-भौतिकी प्रयोग (चेस्ट) नामक उपकरण चंद्रमा की सतह के तापीय गुणों को मापेगा. भारत ने बुधवार को तब इतिहास रच दिया जब चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के साथ यह चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ऐसा साहसिक कारनामा करने वाला दुनिया का अब तक का एकमात्र देश बन गया.